मेरे प्रिय आत्मन् !
लगभग पिछले दो वर्षों से ब्लाग पर आया हूँ।मूलतः मेरा
ब्लाग है- sonbhadraketat.blogspot.in
अभी दो माह पूर्व अचानक मेरे कम्प्यूटर
में खराबी आगयी। कम्प्यूटर तो सुधर गया-
थोड़े प्रयास से,किन्तु न जाने क्यों मेरे लाख प्रयास के बावजूद मेरा वह ब्लाग सही
तरीके से खुल नहीं पा रहा है।फलतः पोस्टिंग नहीं कर पा रहा हूँ।यही कारण है कि एक
नये ब्लाग का सृजन करना पड़ रहा है।
इसका उद्देश्य भी वही है,जो सोनभद्र का था।इस
पर आप मेरे और मेरी संस्था- श्री योगेश्वर आश्रम के परिचय के साथ, मेरे कार्यकलाप
और कृतियों से समय-समय पर अवगत होते रहेंगे।विभिन्न विषयों की पगडंडी पर मेरी
क्षुद्र-दुर्बल लेखनी प्रायः दौड़ती रही है। उसके खट्टे-मीठे-तीखे-चरपरे स्वादों
से आप परिचित हो सकेंगे।हिन्दी साहित्य- कहानी,उपन्यास,नाटक, संस्मरण,व्यंग्य आदि
के रसास्वादन के अलावे तन्त्र,मन्त्र,यन्त्र,ज्योतिष,वास्तु, योग,स्वास्थ्य आदि से
भी मार्गदर्शन करने का प्रयास करुँगा।इसमें आप पाठक-दर्शक बन्धुओं का सहयोग
अपेक्षित है।
लिखने को तो थोड़ा-बहुत लिख भले लेता
हूँ,किन्तु कम्प्यूटर कार्य में जरा भी दक्ष नहीं हूँ।फलतः आये दिन तरह-तरह की कठिनाइयों का
सामना करना पड़ता है।मार्गदर्शक का भी अभाव है।पेशेवर विशेषज्ञों का सहयोग लेने
में सक्षम नहीं हूँ।बस कम्प्यूटर-गाइड के सहारे जो थोड़ा-बहुत सीख पाया हूँ, उसके
बदौलत ही कुछ कर पा रहा हूँ।
बस, आपका स्नेह और प्रेम चाहिए।आज इतना ही।
कमलेश
पुण्यार्क
मजबूरी वस एक नयी शुरूआत.....
ReplyDeleteबस आपका आशीर्वाद चिरकाल तक निरंतर मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर चरण वंदन
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