श्री
योगेश्वर आश्रम
मैनपुरा,चन्दा,कलेर,अरवल,बिहार पिनकोड-824121
ज्योतिष,वास्तु,तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र,तन्त्रात्मक-आयुर्वेद,योग,एक्यूप्रेशर,रेकी,प्राकृतिक चिकित्सा-अध्ययन,अन्वेषण,प्रशिक्षण,परामर्श,साधना,सत्संग एवं उपचार केन्द्र
मुख्य आकर्षण---
सत्संग और साधना का सर्वजनहिताय सुलभ सुयोग
योगासन,प्रणायाम,ध्यान आदि का साधनात्मक एवं उपचारात्मक प्रयोग
नाड्योपचार(एक्यूप्रेशर)प्रशिक्षण एवं उपचार
तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र द्वारा विभिन्न समस्याओं का निदान
ज्योतिषीय परामर्श और उपचार
वास्तु विचार द्वारा मकान,दुकान,कार्यालय,कारखाने आदि की समस्याओं का निवारण,एवं तरक्की के उपाय
सन्तान चाहने,और न चाहने -
दोनों के लिए मार्गदर्शन और उपचार
सेक्स समस्याओं का यौगिक और तन्त्रात्मक निवारण
भूत-प्रेत,पागलपन,मृगी,हिस्टीरिया आदि
मानस व्याधियों का निवारण
कुछ ऐसे ही - अन्य,बहुत कुछ
समयः-प्रातः सायं सचिव/संचालक
कमलेश
पुण्यार्क(गुरूजी)
मो--08986286163
एवं 09798746701
दस दिवसीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम की रूपरेखा
योग
(प्रत्येक
दिवसीय कार्यक्रम का पूर्वार्द्ध- सैद्धान्तिक विवेचन,एवं
उत्तरार्द्ध-व्यवहारिक प्रयोग का होगा)
1.1.सैद्धान्तिक- योग की भूमिका
2.व्यवहारिक-
पवनमुक्तासन के प्रथम पांच आसन
2.1.विशेष परिचय- विभिन्न योग,यथा-अष्टांग योग,ज्ञान योग,कर्मयोग,भक्तियोग
2.पवन मुक्तासन के
अन्य पांच आसन
3.1.योग समन्वय और वर्तमान मानव
2.पवन मुक्तासन के
अग्र पांच आसन 4.1.अष्टांग योग-अष्टपादानों की संक्षिप्त व्याख्या
2.पवन मुक्तासन के अग्र पांच आसन
5.1.यम पंचांग-अहिंसादि की संक्षिप्त व्याख्या
2.सूर्यनमस्कार- मुद्रा मात्र
6.1.नियम पंचांग-शौचादि की संक्षिप्त व्याख्या
2.सूर्यनमस्कार- श्वांस एवं मन्त्र
परिचय
7.1.अन्यान्य किंचत आसनों की संक्षिप्त
चर्चा
2.स्वास्थ्य रक्षण के 5/10 अनिवार्य आसन-
वज्र,शशांक,मकर,भुजंग,आनन्दमदिर
8.1.प्राणायाम-नाड़ीशोधन,भ्रामरी,शीतली,उज्जायी आदि
2.स्वास्थ्य रक्षण
के अन्यान्य आसन
9.1.धारणा-
क्या,कहाँ,कितना,कैसे
2.धारणा और ध्यान
के योग्य कतिपय आसन- पद्म,सिद्ध,आनन्दमदिरादि
10.1.ध्यान सूत्र - 1,2,3,4,5,6.
2.योगनिद्रा
समापन कार्यक्रमः-प्रमाणपत्र वितरण
एवं धन्यवाद ज्ञापन
नोटः- सत्र प्रारम्भ में सामूहिक रूप
से ‘‘सर्वेभवन्तु सुखिनः’’ का शान्ति पाठ
प्रत्येक सत्रान्त में कम से कम 10 मि. का
ध्यान
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ध्यातव्यः-
1.
इस योग सत्र में
प्रक्षिशित व्यक्ति ही आगामी ऊर्जा-संप्रेषण(रेकी)प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं।
एक्यूप्रे्यर,प्राकृतिक चिकित्सा आदि प्रशिक्षण
हेतु यह नियम अनिवार्य नहीं है।
2.
दस दिवसीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम समयानुसार केन्द्र परिसर अथवा आयोजित शिविरों में सम्पन्न किये जाते
दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम---ऊर्जा-संप्रेषण-उपचार
(रेकी)
1.1.शरीर शुद्धि,नाड़ी्योधन,ध्यानादि के पश्चात् साधना दीक्षा
2. सहस्र जप और एकाग्रता की व्यावहारिक भूमिका
2.1.योग- परिचय और उद्देश्य
2. शरीर शुद्धि,नाड़ीशोधन,ध्यानादि
3.1.संक्षिप्त मानव संरचना और क्रियाविधि 2. उक्त
अभ्यास
4.1.अन्तः संरचना(चक्रादि परिचय) 2. उक्त अभ्यास
5.1.शरीर शुद्धि के विभिन्न पहलु 2.
उक्त अभ्यास
6.1.विचार शुद्धि 2. उक्त
अभ्यास
7.1.भाव शुद्धि 2. उक्त
अभ्यास
8.1.शरीर शून्यता 2. उक्त
अभ्यास
9.1.विचार शून्यता 2. उक्त
अभ्यास
10.1.भाव शून्यता
2.संस्पर्श,सम्प्रेषण एवं अधिग्रहण
समापन कार्यक्रमः-प्रमाणपत्र वितरण
एवं धन्यवाद ज्ञापन
नोटः- रेकी के प्रशिक्षुओं के लिए
अनिवार्य रूप से यह नियम पालन आवश्यक है कि कि वे अपना सतत अभ्यास सदा जारी रखें।
साथ ही संस्था से यथासम्भव सम्पर्क बनाये रखें।
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दस दिवसीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम
नाड्योपचार
तन्त्र (एक्यूप्रे्यर)
1.1.परिचय एवं इतिवृत्त 2.मानव शरीर
संरचना
2.1.अस्थि संस्थान 2.चिकित्सा सिद्धान्त
3.1.स्नायु संस्थान 2.रोगोत्पत्ति कारण
4.1.रक्तवह संस्थान 2.प्रतिविम्ब
केन्द्र परिचय
5.1.पाचन संस्थान 2.नाभिचक्र (गहन परिचय) 6.1.श्वसन संस्थान
2.चिकित्सा काल
7.1.मूत्रवह संस्थान 2.चिकित्सा प्रक्रिया 8.1.प्रजनन संस्थान
2.उपकरण परिचय एवं प्रयोग
9.1.उर्ध्वजत्रु खण्ड 2.चिकित्सा तथ्य,सामर्थ्य और सीमा
10.प्रशिक्षुओं की जिज्ञासायें
समापन कार्यक्रमः-प्रमाणपत्र वितरण
एवं धन्यवाद ज्ञापन
नोटः-नाड्योपचार(एक्यूप्रे्यर) का यह
सामान्य पाठ्यक्रम है।इससे आगे दक्षता हेतु विशेष पाठ्यक्रम भी समय-समय पर संचालित किए जाते हैं।
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दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्राकृतिक चिकित्सा
1.1.परिचयात्मक इतिवृत्त 2.व्यावहारिकी
2.1.चिकित्सा स्रोत परिचय- जल,मिट्टी,वायु,अग्नि,आदि 2.व्यावहारिकी
3.1.चिकित्सोपयोगी सामग्री निर्माण
विधि 2.व्यावहारिकी
4.1.आहार व्यवस्था 2.व्यावहारिकी
5.1.विहार व्यवस्था 2.व्यावहारिकी
6.1.कतिपय उपकरण और तत् प्रयोग 2.व्यावहारिकी
7.1.कुंजल और नेति सिद्धान्त 2.व्यावहारिकी
8.1.स्वास्थ्य रक्षण के नियम,सौन्दर्य
प्रसाधनादि 2.व्यावहारिकी
9.1.विभिन्न स्नान और पंचकर्मादि 2.व्यावहारिकी
10.1.मर्म परिचय और प्रयोग 2.व्यावहारिकी
समापन कार्यक्रमः-प्रमाणपत्र वितरण एवं धन्यवाद -------000000-----
नोटः- 1.उक्त विषयों के अतिरिक्त ज्योतिष,वास्तु,तन्त्र,कर्मकाण्ड
आदि विभिन्न पारम्परिक विषयों का प्रशिक्षण एवं दिशानिर्देश की भी व्यवस्था है।
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