प्रिय बन्धुओं

प्रिय बन्धुओं
इस ब्लॉग पर आत्मपरिचय एवं आश्रम कार्य योजना के अतिरिक्त अपने दो उपन्यास- निरामय और पुनर्भव को पोस्ट कर चुका हूँ।मुख्य रूप से इस ब्लॉग पर पुस्तकाकार रचनायें ही मिलेंगी।छोटी रचनाओं के लिए मेरा दूसरा ब्लॉग- अकुलाहट पर आप जा सकते हैं।अब तक दस मर्मस्पर्शी कहानियाँ अकुलाहट पर डाली जा चुकी हैं।
मेरी अगली योजना है- अधूरी पतिया- एक आंचलिक उपन्यास को इस ब्लॉग पर डालने का,जिसके कम्पोंजिंक का काम प्रारम्भ करने जा रहा हूँ,बस थोड़े ही दिनो में।
अभी व्यस्त हूँ- वास्तु और तन्त्र की दो छोटी पुस्तिकाओं की तैयारी में।हो सकता है वही पहले मिल जाय आपको।
धन्यवाद।
कमलेश पुण्यार्क

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