पुण्यार्कवनस्पतितन्त्रम् 22

(१६)  निम्ब का बाँदा- आम की तरह ही नीम का बाँदा भी सहज प्राप्त है।आयुर्वेद में नीम को बहुत उपयोगी माना गया है।तन्त्र शास्त्र में इसका उपयोग षट्कर्मों (में तीनअधम) के लिए किया जाता है।इसके ग्रहण के लिए दो नक्षत्र कहे गए हैं- उद्देश्य-भेद से।सिर्फ प्रक्षेपण के लिए ज्येष्ठा और स्थापन के लिए आर्द्रा नक्षत्र का चयन करना चाहिए।अधम तान्त्रिक तो दोनों ही रखते हैं।चूंकि इसका प्रयोग अधम कार्य के लिए ही है,अतः प्रयोग से बचना चाहिए,और सबसे बड़ी बात ये है कि एकपक्षीय(निजस्वार्थ वस) आप ऐसा करते हैं तो बर्ष भर के अन्दर ही आपको इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेंगा।अतः प्रयोग से पूर्व सौ बार सोच लें कि आप जिसे सताने के लिए यह प्रयोग करने जा रहे हैं,क्या वह सच में दोषी है?यदि सच में दोषी है तो इस तन्त्र से उसे सजा अवश्य मिलेगी,और यदि निर्दोष है,तो सजा सौगुना होकर प्रयोग कर्ता को भोगनी पड़ेगी।वैसे यह प्रयोग है विलकुल अमोघ।
          पूर्व निर्दिष्ट विधान से नीम के बाँदा को प्राप्त करे,और आगे की सारी प्रक्रियायें- स्थापन-पूजनादि पुस्तक के प्रारम्भ में वतलायी गयी विधि से सम्पन्न करें।फर्क इतना ही है कि बाकी सारे प्रयोग घर में किए जाने का निर्देश है,जब कि इस क्रिया की पूरी साधना घर में नहीं करनी है- अनुकूल किसी अन्य सुरक्षित स्थान में करनी है।क्रिया पूरी हो जाने पर भी तैयार साधित निम्बबाँदा को घर में लाकर रखना भी नहीं है,अन्यथा विपरीत परिणाम होंगे।स्थापन पूजन के बाद चामुण्डा मंत्र का कम से कम छतीस हजार,और अधिक से अधिक सवा लाख जप करना चाहिये- दशांश प्रक्रिया सहित।
         ऊपर दो ग्रहण-नक्षत्रों की चर्चा है।ज्येष्ठा ग्रहित बांदा को चूर्ण करके विरोधी के शरीर पर (विशेष कर सिर पर)छिड़क देने की बात है,तो आर्द्रा ग्रहित बांदा को शत्रु के घर में(सम्पूर्ण बांदा) किसी तरह स्थापन का विधान है- यानी उसके घर में गाड़ दे- खास कर उसके शयन-कक्ष में साधित बांदा की उपस्थिति अनिवार्य शर्त है,क्यों कि घर के किसी अन्य भाग में रहने पर परिवार के अन्य लोगों पर ही प्रभाव पड़कर रह जायेगा,खास व्यक्ति अछूता ही रहेगा।ध्यातव्य है कि प्रयोग समय के संकल्प का भी ध्यान रखना है- आप उसके साथ करना क्या चाहते हैं?सजा कौन सी दे रहे हैं?
      अन्य प्रयोग- नीम के बीजों से निकाला गया तेल विभिन्न औषधियों में प्रयुक्त होता है।किसी रविपुष्य योग में नीम के तेल को नौ हजार चामुण्डामंत्र से अभिमंत्रित करके किसी पात्र में रख दे।फिर उस पात्र में विरोधी की तस्वीर(नाम पता सहित लिखकर)डुबो कर कहीं किसी भी नीम के पेड़ पर टांग दें- काले कपड़े में बांध कर।आपका अभीष्ट पूरा होगा थोड़े ही दिनों में- जो संकल्प साधे रहेंगे- प्रयोग में।
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