पुण्यार्कवास्तुमंजूषा-54

गतांश से आगे...
अध्याय १३.वास्तु मण्डल-(ख)अन्तःवाह्य संरचना(कहां क्या?) भाग दश-

v केले का पौधा लक्ष्मी-प्राप्ति के निमित्त वृहस्पति की पूजा करने के लिये प्रायः घरों में गमले में,कहीं भी लगा देते हैं।यह भी अति दोषपूर्ण है। सबसे मुख्य बात यह है कि केला शुभ पौधा है,किन्तु भवनवासी नहीं है।इसे परिसर में ईशान कोण पर ही लगाना उचित है।भवन के अन्दर रहकर सन्तान दोष पैदा करता है।लक्ष्मी आवें या नहीं,सन्तानें उदण्ड अवश्य होंगी,उनकी शिक्षा और चरित्र पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।दूसरी बात यह कि पौधे को कैद करने का दोष भी लगेगा- यदि गमले में रखते हैं।

v वट-पीपल का पौधा भी गमले लगाकर लोग, ऐसी ही नादानी करते हैं।यह कदापि नहीं करना चाहिए।किसी भी बड़े वृक्ष को गमले में कैद नहीं करना चाहिए। गमला सिर्फ छोटे पौधों के लिए है।पौधा बेंचने वाले इन पौधों के मुसलाजड़ को काट कर कृत्रिम विधि से बौना बना देते हैं,ताकि गमले में आसानी से लगाया जा सके,यह बिलकुल ही गलत बात है।ऐसे पौधों को घर में लगाकर आप कदापि सुखी नहीं रह सकते।
क्रमशः...

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