गतांश से आगे...
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(6)उदर
प्रदेश— चित्रांक 31 – एक्युप्रेशर
प्रतिबिम्ब-केन्द्रों के परिचय-क्रम में उदर-प्रदेश को वरीयता-क्रम में छठे स्थान
पर रखा गया है,किन्तु ध्यान देने योग्य बात ये है कि चतुर्दश शक्ति-संचार-पथों में
एक पथ—धारणाप्रवाहपथ(Conception Vessel Meridian) इसी भाग से होकर गुजरता है। जैसा
कि चित्रांक 19 में स्पष्ट है, धारणाशक्तिसंचारपथ शरीर में नीचे- इन्द्रिय-मूल से
प्रारम्भ होकर, नाभिकेन्द्र को पार करते हुए,ऊपर दोनों चुचुकों( Nipple ) के मध्य से होकर गुजरते हुए,टेटुए को पार कर,ऊपर ठुड्डी तक जा रहा है। इस
पूरे शक्ति-संचार-पथ पर एक ओर अपने नियंत्रण में अनेक प्रतिबिम्ब केन्द्र मौजूद
है,तो दूसरी ओर इसके आसपास (दायें-बायें) अन्यान्य संचार-पथों से सम्बन्धित कई
प्रतिबिम्ब-केन्द्र भी पाये जाते हैं।
चित्रांक 31 में समस्त उदर-प्रदेश में
व्यापक रुप से फैले हुए अनेक प्रतिबिम्ब-केन्द्र चिह्नित हैं । अधिकांश केन्द्र
उन्हीं अवयवादि से सम्बन्धित हैं,जो इसी प्रदेश में उपस्थित हैं। साथ ही एक ही
अवयव के लिए कई-कई केन्द्र इस एक ही समूह में मौजूद हैं। परीक्षण-काल में इन सबकी
परीक्षा अवश्य कर लेनी चाहिए,भले ही चिकित्सा मात्र उसी केन्द्र पर होगी, जिसका
संकेत विशेष रुप से मिलेगा।
नोटः- उदर-प्रदेश में एक अति
महत्त्वपूर्ण प्रतिबिम्ब-केन्द्र है—नाभिकेन्द्र (Solar Plexus) जिसके बारे में बहुत कुछ जानना आवश्यक है। अतः शरीर के शेष
प्रतिबिम्ब-केन्द्रों के परिचय के पश्चात् ही इसका विस्तृत वर्णन स्वतन्त्र रुप
से, अलग अध्याय में किया जायेगा।
क्रमशः...
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