एक सूचना
प्रिय बन्धुओं!
पिछले 36पोस्टों में अब तक आपने नाड्योपचारतन्त्रम् नामक मेरे शोधग्रन्थ का अवलोकन किया। ये आपके अतिशय स्नेह का ही परिणाम है कि बहुत कम समय में ही मेरे इस ब्लॉग पर 49,823 लोग आ चुके हैं। अन्य ब्लॉगों पर भी लगभग ऐसी ही स्थिति है। भविष्य में भी इसी तरह आपका स्नेह मिलता रहेगा,ऐसी ही मेरी आशा है। 
मेरा हमेशा प्रयास रहता है कि विविध लोकहितकारी  मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक विषयों को आपके लिए प्रस्तुत करता रहूं। 
अगले महीने के तेरह ता.को होली का त्योहार मनाया जायेगा। उसके पन्द्रह दिनों बाद नया सम्बत् शुरु होगा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नये सम्बत् का राशिफल प्रस्तुत किया जायेगा। और उसके बाद मैं अपने वायदे के मुताबिक अपना उपन्यास- अधूरामिलन को पूर्व की भांति कई कड़ियों में प्रस्तुत करुंगा। उपन्यास का कम्पोजिंग कार्य पूरा हो चुका है,इसलिए आपको अधिक इन्तजार नहीं करना पड़ेगा।
 ज्ञातव्य है कि अब तक इस ब्लॉग पर मेरे तीन उपन्यास- निरामय,पुनर्भव,अधूरीपतिया के साथ साथ-साथ तन्त्रयोगसाधना पर आधारित उपन्यास बाबा उपद्रवीनाथ का चिट्ठा पढ़ चुके हैं, साथ ही अन्य विविध आलेख,कहानियां भी।साथ ही पुण्यार्क वनस्पतितन्त्रम् एवं पुण्यार्कवास्तुमंजूषा भी पोस्ट किया जा चुका है,जिसे क्रमिक लेबलों में देखा जा सकता है।

धन्यवाद।

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