गतांश से आगे...
(दशवें अध्याय का दूसरा भाग)
(दशवें अध्याय का दूसरा भाग)
अब
आगे इस अध्याय के मूल विषय
(पुर-परिचय) को आगे बढ़ाते हैं —
डॉ.अरुण
कुमार पाठक, पाठकविगहा (जम्होर) के सौजन्य से एक दीमक-ग्रस्त पुस्तिका मिली, जिसका
मुखपृष्ठ सहित प्रारम्भ के आठ पृष्ठ नहीं थे । पीछे के पन्ने भी कितने नष्ट हैं कह
नहीं सकता । बीच के बहुत से शब्द भी सुपाठ्य नहीं हैं । फिर भी जो शेष है,
समादरणीय है । लेखक (संग्राहक), प्रकाशक आदि का भी कुछ अतापता नहीं चल रहा है ।
सुनी-सुनायी बात पर अनुमान है कि पुस्तिका का नाम ‘अंशुमाली’
हो सकता है, जो काफी पहले (१९९२ई.) इलाहाबाद के किसी मगबन्धु (सम्भवतः श्री
श्यामसुन्दर पाण्डेय जी) द्वारा संग्रहित
किया गया है । इसमें कई विद्वानों के आलेख छपे हैं । पुस्तिका का विषयवस्तु अति उपयोगी
लगा । अतः अज्ञात संग्राहक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, अपनी पुस्तिका में
स्थान देकर, अन्य मगबन्धुओं तक पहुँचाने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ । हां,
इतनी बात तय है कि पुस्तिका का प्रकाशन औरंगाबाद,रोहतास आदि मण्डल विभाजन के
पश्चात् ही हुआ है, क्यों कि इन नये जिलों (जनपदों) का नाम सारणी में दिया गया है ।
एक
बात और- इस सारणी को मैंने ज्यों का त्यों नहीं उतारा है, प्रत्युत यत्किंचित
(जहां त्रुटि लगी, सुधारता गया । जैसे कश्यप ऋषि से प्रवर्द्धित गोत्र को काश्यप
कहेंगे, मुद्गल से मौद्गल,भृगु से भार्गव आदि । कुछ गोत्रनाम अपत्यार्थी न होकर
सीधे-सीधे ही हैं । जैसे- कौण्डिन्य,भारद्वाज आदि । कुछ पुरों के गोत्र गलत हैं ।
जैसे— पुर का नाम पुण्डारक नहीं पुण्यार्क
है और इसका गोत्र पुण्डार्क नहीं मौद्गल है, जो मुद्गल से अपत्यार्थ बना है ।
पुर-सारणी के प्रस्तोता श्री गंगासागर मिश्रजी हैं । पुस्तिका में उनका पता नहीं
दिया हुआ है । आगे प्रस्तुत है संशोधित पुर-तालिका—
पुरसंख्या
|
पुरनाम
|
उपाधि
|
गोत्र
|
मूलस्थान
|
मण्डल
|
१.
(२४आर)
|
उरवार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
टेकारी
|
गया
|
२.
|
खंटवार
|
मिश्र/पाठक
|
कौण्डिन्य
|
बेलागंज
|
गया
|
३.
|
छेरियार
|
मिश्र/पाठक
|
काश्यप
|
मखदुमपुर
|
गया
|
४.
|
मखपवार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
मखपा
|
गया
|
५.
|
कुरचियार/ कुरईआर
|
मिश्र
|
काश्यप
|
कुराईच
|
रोहतास
|
६.
|
देवकुलियार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
देवकुली
|
गया
|
७.
|
भलुनियार
|
पण्डित/पाण्डेय/मिश्र
|
काश्यप
|
भलुनी
|
रोहतास
|
८.
|
पंडरियार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
पंडरी (विक्रम)
|
पटना
|
९.
|
डुमरियार
|
मिश्र/पाठक
|
भार्गव
|
दुर्गावती
|
रोहतास
|
१०.
|
अदईयार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
कोंच
|
गया
|
११.
|
पवईयार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
पवई
|
औरंगाबाद
|
१२.
|
यो/पोतियार
|
मिश्र/पाठक
|
पराशर
|
पवई
|
औरंगाबाद
|
१३.
|
केरियार
|
मिश्र/पाठक
|
कौण्डिन्य
|
कुटैया
|
औरंगाबाद
|
१४.
|
ऐआर
|
मिश्र/पाठक
|
रहदोरी
|
रखार
|
भोजपुर
|
१५.
|
मडरियार
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
भड़रिया
|
गया
|
१६.
|
सरइयार
|
मिश्र/पाठक
|
पराशर
|
आमस
|
औरंगाबाद
|
१७.
|
क्षत्रवार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
बेलागंज
छतियाना
|
गया
|
१८.
|
वडवार
|
मिश्र/पाठक
|
भार्गव
|
परैया
|
गया
|
१९.
|
अवधियार
|
पाठक
|
कौशल्य
|
अयोध्या
|
अयोध्या
|
२०.
|
पुतियार/
पोतियार
|
मिश्र/पाठक
|
वत्स
|
ओड़ो
|
नवादा(गया)
|
२१.
|
जम्वुवार
|
मिश्र/पाठक
|
भारद्वाज
|
जमुआर,
टेकारी
|
गया
|
२२.
|
शिकरौरियार
|
मिश्र/पाठक
|
कौशिक
|
डुमरांव-शिकरौर
|
भोजपुर
|
२३.
|
रहदौलियार
|
मिश्र/पाठक
|
रहदौरी
|
रहवार
|
भोजपुर
|
२४.
|
मौलियार/ मौरियार
|
मिश्र
|
कौशिक
|
मलमा
|
गया
|
२५.(अर्क ७)
|
पुण्यार्क/
पुण्डार्क
|
मिश्र/पाठक
|
मौद्गल
|
पण्डारक
|
पटना
|
२६.
|
उल्लार्क
|
मिश्र/उपाध्याय
|
भार्गव
|
परैया (उल्ला)
|
गया
|
२७.
|
मार्कण्डेयार्क
|
मिश्र/पाठक
|
गर्ग
|
देवकुली
|
गया
|
२८.
|
बालार्क
|
मिश्र/पाठक
|
शाण्डिल्य
|
देवकुली
|
गया
|
२९.
|
लोलार्क
|
मिश्र/पाठक
|
भार्गव
|
देवकुली
|
काशी
|
३०.
|
कोणार्क
|
मिश्र/पाठक
|
शाण्डिल्य
|
मदनपुर-कौना
|
औरंगाबाद
|
३१.
|
चारणार्क
|
मिश्र/पाठक
|
मौद्गल
|
पण्डारक
|
पटना
|
३२.
(आदित्य १२)
|
वरुणार्क
|
मिश्र/पाठक
|
कौण्डिन्य
|
पटना (संदिग्ध)
|
पटना
|
३३.
|
बिलसैया
|
पाठक
|
गर्ग
|
वेलासी
|
गाजीपुर
|
३४.
|
महुरसिया
|
मिश्र
|
काश्यप
|
मोरेंगा,
मोहारस, देव
|
आजमगढ़
|
३५.
|
देवडीहा
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
डीहा
|
गया
|
३६.
|
डुमरौर/
डुमरौरी
|
मिश्र/पाठक
|
काश्यप
|
हसनपुर/
डुमरांव
|
गया/भोजपुर
|
३७.
|
गुल/ गुणसैया
|
मिश्र
|
कौशिक
|
सिवान
|
छपरा
|
३८.
|
कुण्डार्क
|
मिश्र
|
कौण्डिन्य
|
गोह
|
गया
|
३९.
|
मल्लोर
|
मिश्र
|
कौशिक
|
मलमा
|
गया
|
४०.
|
गुनसैंया
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
गंगटी
|
औरंगाबाद
|
४१.
|
सपहा
|
पाठक
|
काश्यप
|
बाबा का
बाग, सपहा
|
आजमगढ़
|
४२.
|
हरहसिया
|
मिश्र
|
कौशिक
|
हुसेनगंज,
हरिओम
|
सारन
|
४३.
|
देवलसिया
|
पाण्डेय
|
कौशिक
|
देव
|
औरंगाबाद
|
४४.
(किरण १७)
|
सरईयार/
सौरियार
|
मिश्र
|
कौशिक
|
सैदाबाद,
सोरंगपुर
|
पटना
|
४५.
|
पटकौलियार
|
पाठक
|
कश्यप
|
पठखौली
|
गाजीपुर
|
४६.
|
मिहिर/
मिहिगौरिया
|
मिहिर/
मिश्र
|
मिहिर
|
फुलवरिया
|
सारन
|
४७.
|
विडौरा/ वेरियार
|
मिश्र
|
कौण्डिन्य
|
कुटेय
|
गया या
आरा
|
४८.
|
मेहोशवार
|
उपाध्याय
|
कौशिक
|
मेहोश
|
मुंगेर
|
४९.
|
श्वेतभद्र
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
वाली, श्वेतरामपुर
|
गाजीपुर
|
५०.
|
पंचकंठी
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
इमामगंज,पेचमा
|
गया
|
५१.
|
पुनरखिया
|
मिश्र
|
सार्ववल्य
|
पुनराख (संदिग्ध)
|
पटना
|
५२.
|
देवहाय
|
मिश्र
|
अत्रि
|
देव
|
औरंगाबाद
|
५३.
|
पंचहाय
|
मिश्र
|
काश्यप
|
पंचानपुर,टेकारी
|
गया
|
५४.
|
शुंडाक (कंठदर्क)
|
मिश्र
|
भार्गव
|
ककरही
|
औरंगाबाद
|
५५.
|
छट्ठी(यत्थ्य)
|
मिश्र
|
जमदग्नि
|
कोंच
|
गया
|
५६.
|
मोरियार
|
मिश्र
|
काश्यप
|
मलमा
|
गया
|
५७.
|
ढुढईयार/
ढुढरियार
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
खुड़राही
|
गया
|
५८.
|
ठकुरमेराव
|
मिश्र
|
अंगिरा
|
पचना, ठकुरी
|
भोजपुर
|
५९.
|
कुकरौंधा
|
मिश्र
|
काश्यप
|
कुकरौंधा
|
औरंगाबाद
|
६०.
|
सियरी
|
मिश्र
|
काश्यप
|
भौमापुर,सियारी
|
गोरखपुर
|
६१.
(मंडल१२)
|
पट्टिश
|
मिश्र
|
शाण्डिल्य
|
पिसनरी
|
पटना
|
६२.
|
चंडरीह
|
मिश्र
|
काश्यप
|
चान्दपुर
|
पटना
|
६३
|
डिहिक
|
भट्ट
|
भारद्वाज
|
ढीहा
|
गया
|
६४.
|
काक्ष/काक्ष्य
|
मिश्र
|
वैतायन
|
खजनीकम
|
गया
|
६५.
|
कपिस्थ/म
|
मिश्र
|
गर्ग
|
कथुमा
|
गया
|
६६.
|
परसन
|
मिश्र
|
पराशर
|
परसर
|
भोजपुर
|
६७.
|
खंडसूपक
|
मिश्र
|
कौण्डिन्य
|
खनेटा, टेकारी
|
गया
|
६८.
|
बालिबाध
|
मिश्र
|
भृगु
|
बधवा
|
गया
|
६९.
|
खजुरहा
|
मिश्र
|
काश्यप
|
खजुरी, गोह
|
गया
|
७०.
|
भड़रियार/
भेड़ापाकर
|
मिश्र
|
भारद्वाज
|
भड़रिया
|
गया
|
७१.
|
पिपरोहा
|
मिश्र
|
जमदग्नि
|
पिपराहा
|
गया
|
७२.
|
बड़सारी
|
मिश्र
|
वशिष्ठ
|
बरसा
|
गया
|
(नोटः-
डॉ.सुधांशुशेखर मिश्र के सम्पादकत्व में राँची से प्रकाशित मगबन्धु (अखिल) के मग विशेषांक(जून-दिसम्बर
संयुक्तांक २०११ई.) में भी उक्त सारणी लगभग यथावत प्राप्त हुयी। यत्किंचित अन्तर
जहां दिखा है, उसे / इस चिह्न से भेदित करता गया हूँ । डॉ.सुधांशुजी ने इस सूचना को शाकद्वीपीय
ब्राह्मण दर्शन-२००५ ई.,
इलाहाबाद - से साभार ग्रहण किया गया है।)
उक्त
बहत्तर पुरों के अतिरिक्त उस पुस्तिका में अठारह उपकिरणों की भी सूची है। किन्तु
इसमें उपाधि की चर्चा नहीं है । दूसरी बात ध्यान देने योग्य है कि पं.वृहस्पति
पाठकजी ने जो अन्तर्विभाजन बतलाया है, उससे भिन्न हैं इनका विभाजन । जैसे- ऊपर की
सूची में आर चौबीस, अर्क सात, आदित्य बारह, किरण सतरह और मंडल बारह कहे गये हैं ।
जबकि पाठकजी ने अपने मगोपाख्यान में कहा है- आर चौबीस अर्क बारह,
बारहे आदित्य हैं, बारहे कर-मण्डली गन पुर
बहत्तर विदित हैं । उक्त सारणी में मिश्रजी के
विभाजन को मैंने यथावत रहने दिया है, ताकि पाठकजी की सारणी के साथ मिलान करने में
पाठकों को सुविधा हो । पाठकजी वाला विभाजन अधिक तर्कसंगत है, जो पुरविभाजन (साधना
परम्परा रहस्य) के अनुकूल जान पड़ता है।
उपकिरण सूची
क्रम
|
किरण
|
गोत्र
|
मूलस्थान
|
मंडल
|
१.
|
मृगाह
|
काश्यप
|
मृगा,वासो
|
गाजीपुर
|
२.
|
पठकौलियार
|
काश्यप
|
पठकौली
|
वस्ती
|
३.
|
मिहर/मिहिर
|
मिहिर
|
मिहरसी
|
वस्ती
|
४.
|
श्वेतभद्र/सेतभद्र
|
भारद्वाज
|
रामपुर
|
वस्ती
|
५.
|
हुणरियार
|
काश्यप/
भारद्वाज
|
हुणराही,
टेकारी
|
गया
|
६.
|
सियरियार/
सियरी/
सिपरियार
|
काश्यप
|
सियारी,
मौआयार
|
गोरखपुर
|
७.
|
गोरक्षपुरिया
|
काश्यप
|
गोरखपुर
|
गोरखपुर
|
८.
|
श्रीमौरियार
|
कौशिक
|
श्रीमौर
|
गोरखपुर
|
९.
|
पिपरहा
|
परासर
|
पिपरहा
|
छपरा
|
१०.
|
मोरियार/
मलौडियार
|
काश्यप
|
मलमा
|
गया
|
११.
|
पारसम
|
परासर
|
परसन
|
गोरखपुर
|
१२.
|
मुजादित्य
|
मुद्गल
|
मुनडीहा,
वासी
|
भोजपुर
|
१३.
|
हरिहसिया/
हरिहोसिया
|
कौशिक
|
हरिहोश,
हुसेनगंज
|
गया
|
१४.
|
बेलयार
|
काश्यप
|
बेलगांव
|
छपरा
|
१५.
|
चेनवार/चैण्वार
|
च्यमन
|
चैनपुर
|
छपरा
|
१६.
|
श्यामबौर/
श्यामचोर
|
काश्यप
|
समरी
|
छपरा
|
१७.
|
धर्मादित्य
|
भारद्वाज
|
देवकुली
|
छपरा
|
१८.
|
सप्तार्क
|
वल्सय
|
सैतपुर
|
छपरा
|
क्रमशः...
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